अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

डेरा एवं इसकी शिक्षाओं के बारे में

डेरा जगमालवाली एक आध्यात्मिक केंद्र है, जिसकी स्थापना सन 1966 में परम संत गुरबख्श सिंह जी “मैनेजर साहिब जी” द्वारा गावं जगमालवाली, तहसील कालांवाली, जिला सिरसा, हरियाणा – भारत में की गई थी।

यह डेरा संतमत परंपरा पर आधारित है और जीवित गुरु के सानिध्य में साधकों को सिमरन (ध्यान), सेवा (निस्वार्थ कर्म), सत्संग (आध्यात्मिक प्रवचन) और सदाचारी जीवन के माध्यम से आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का मार्गदर्शन देता है।

नहीं।

डेरा की शिक्षाएँ आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित हैं, और किसी एक धर्म या सम्प्रदाय सीमित नहीं हैं।
ये शिक्षाएँ हर उस सच्चे साधक के लिए खुली हैं जो अपने अंदर शांति और परम सत्य की खोज में है, चाहे उसकी धार्मिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो।

“संतमत” का अर्थ है — संतों का मार्ग।

जो शिक्षा देती हैं कि परमात्मा की उपस्थिति हर जीव के भीतर विद्यमान है।

संतमत एक अनुशासित आध्यात्मिक मार्ग है, जिसमें शामिल हैं:

सिमरन (ध्यान), पवित्र जीवनशैली,
और एक जीवित गुरु के मार्गदर्शन में आत्मिक अनुभूति की साधना।

महाराज बीरेंद्र सिंह जी वर्तमान में डेरा जगमालवाली के आध्यात्मिक गुरु हैं। वे गुरु परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, साधकों को नामदान (आध्यात्मिक दीक्षा) एवं आत्मिक मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।

नामदान (आध्यात्मिक दीक्षा)

नामदान एक पावन दीक्षा है जो जीवित गुरु द्वारा दी जाती है। इसमें भीतर जपने योग्य मंत्र (नाम) प्रदान किया जाता है, जिससे आत्मा का परमध्वनि (शब्द) से सीधा जुड़ाव स्थापित होता है। यही क्षण जिज्ञासु की आध्यात्मिक यात्रा की सच्ची शुरुआत होती है।

हर वह व्यक्ति जो भीतर से सच्ची आध्यात्मिक प्रगति चाहता है और जीवन में साधना, सेवा और नैतिक आचरण को अपनाने के लिए तैयार है — वह नामदान प्राप्त करने का पात्र है।
नामदान प्राप्त करने के लिए आप नियमित रूप से सत्संग में भाग ले सकते हैं या फिर अपनी आंतरिक लगन और सच्ची भावना के साथ महाराज जी से व्यक्तिगत रूप से मिलने का निवेदन कर सकते हैं।

आध्यात्मिक अभ्यास और दैनिक जीवन

मुख्य अभ्यासों में शामिल हैं:
सिमरण (ध्यान द्वारा आंतरिक नाम का जाप)
सत्संग (आध्यात्मिक प्रवचन)
सेवा (निःस्वार्थ कर्म)
नैतिक जीवन — जिसमें शाकाहारी आहार अपनाना और हर प्रकार के नशीले पदार्थों से दूर रहना शामिल है।

क्योंकि करुणा और मानसिक शुद्धता आध्यात्मिक प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक हैं, और शाकाहारी आहार इन दोनों को पोषित करता है। यह आहार शरीर को हल्का और मन को शांत बनाए रखता है, जिससे ध्यान में स्थिरता आती है और अंतरात्मा की अनुभूति सहज होती है।
क्योंकि ये हमारे मन को अस्थिर और भ्रमित कर देते हैं। जब मन साफ़ और शांत होता है, तभी हम भीतर की ओर सही ढंग से ध्यान कर पाते हैं। नशे की चीज़ें हमें हमारे आध्यात्मिक लक्ष्य से भटका सकती हैं, इसलिए एक साधक के लिए इनसे दूर रहना ज़रूरी माना गया है।

हर दिन नित – नेम ध्यान (सिमरन) करना चाहिए, सत्संग में भाग लेना चाहिए, सेवा करनी चाहिए, और एक ऐसा जीवन जीना चाहिए जो सच्चाई, करुणा, सादगी और पवित्रता से भरा हो। यही आदतें धीरे-धीरे आत्मिक उन्नति की ओर ले जाती हैं ।

बिलकुल !
महिलाएं भी सत्संग, सेवा और डेरा के की आध्यात्मिक परम्परा में पूरी श्रद्धा और समानता के साथ भाग ले सकती हैं।

“धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा” का अर्थ है — “सतगुरु ही धन्य है और उसी का ही सहारा है।”

यह एक भावपूर्ण भक्ति मंत्र है जिसे डेरा जगमालवाली में श्रद्धालु अक्सर प्रेम, श्रधा और समर्पण से दोहराते हैं। यह वाक्य सतगुरु के प्रति गहरे सम्मान, आभार और पूर्ण विश्वास को दर्शाता है।

जब कोई इस वाक्य को श्रद्धा से बोलता है, तो यह उसे याद दिलाता है कि जीवन की सच्ची राह और आत्मिक सहारा केवल सतगुरु ही हैं। यह मंत्र न केवल आंतरिक शांति और भरोसे को मजबूत करता है, बल्कि साधक और सतगुरु के बीच की आत्मिक कड़ी को भी और गहरा बनाता है।

डेरा दर्शन और जुड़े रहने के तरीके

डेरा जगमालवाली या बाजितपुर आश्रम जाने के लिए, सत्संग शेड्यूल पेज पर जाकर अगली तारीखें, समय और दिशा-निर्देश देख सकते हैं। वहाँ हर कार्यक्रम की जानकारी दी जाती है ताकि आप आसानी से पहुँच सकें।

ज़रूरी नहीं।
अगर आप सच्चे मन से रोज़ाना सिमरण, सत्संग, और गुरु के रिकॉर्डेड प्रवचनों के माध्यम से जुड़े रहते हैं, तो भी आत्मिक प्रगति होती है।

आप Resources पेज पर जाकर सत्संग और शब्द की रिकॉर्डिंग्स देख सकते हैं।
साथ ही, डेरा जगमालवाली का आधिकारिक YouTube चैनल भी है जहाँ ये वीडियो उपलब्ध हैं।

सेवा में जुड़ने के लिए आप Contact पेज पर जाएं।

वहाँ आपको वॉलंटियर बनने, दान देने, और प्रोग्राम के दौरान सेवा करने की जानकारी मिलेगी।

डेरा जगमालवाली की अधिकारिक जानकारी, सत्संग, अपडेट्स और इवेंट अनाउंसमेंट सिर्फ़ इसकी आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से ही साझा की जाती है।

डेरा YouTube, Facebook, और Instagram जैसे प्लेटफॉर्म्स पर सक्रिय है। इनके वेरिफाइड लिंक “Resources” सेक्शन में वेबसाइट पर दिए गए हैं—सिर्फ़ उन्हीं से जुड़ें।

गुरु परंपरा और आध्यात्मिक निरंतरता

जब कोई गुरु इस संसार से विदा लेते हैं, तो उनकी आध्यात्मिक गद्दी उनके द्वारा नियुक्त उत्तराधिकारी को सौंप दी जाती है।

इससे डेरा की शिक्षाएं और मार्गदर्शन अविरत रूप से जारी रहते हैं। शिष्य पहले की ही तरह आध्यात्मिक सहारा और मार्गदर्शन पाते रहते हैं।