परम संत मस्ताना बलोचिस्तानी जी

परम संत मस्ताना बलोचिस्तानी जी

परम संत मस्ताना शाह बलोचिस्तानी जी का जन्म 12 अगस्त, 1897 को बलोचिस्तान (अब पाकिस्तान) के कोटड़ा गाँव में हुआ था। जन्म के समय आपका नाम श्री खेमा मल जी था। आपके पिता का नाम श्री पिल्ला मल जी और माता का नाम श्रीमती तुलसा बाई जी था। बचपन में ही आपके पिता का देहांत हो गया, जिसके कारण आपका पालन-पोषण अत्यंत साधारण और गरीबी के माहौल में हुआ।

नौ वर्ष की आयु से ही आपके मन में आध्यात्मिकता की गहरी रुचि उत्पन्न हो गई थी। आगे चलकर आपका संपर्क डेरा ब्यास के हुज़ूर महाराज सावन सिंह जी से हुआ। हुज़ूर महाराज सावन सिंह जी ने आपको पवित्र नामदान प्रदान किया और “मस्ताना” की आध्यात्मिक उपाधि से विभूषित किया। इसी कारण आप व्यापक रूप से शाह मस्ताना जी के नाम से प्रसिद्ध हुए।

हुज़ूर बाबा सावन सिंह जी महाराज ने शाह मस्ताना जी को भारत के विभिन्न क्षेत्रों में सत्संग करने और ध्यान सिखाने का कार्य सौंपा। बाद में, हुज़ूर जी के आदेश पर, शाह मस्ताना जी ने 1948 में सिरसा, हरियाणा में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की, जिसका उद्देश्य था निःस्वार्थ सेवा, सत्य और आध्यात्मिक जागृति।

यद्यपि आप निरक्षर थे, फिर भी आप दिव्य प्रेम और आत्मिक ज्ञान से परिपूर्ण एक महान संत थे। आपके सत्संग का अंदाज़ अत्यंत अनोखा, जीवंत और प्रभावशाली था। आaप मुख्य रूप से बलोचिस्तानी बोली में प्रवचन करते थे।

18 अप्रैल, 1960 को 63 वर्ष की आयु में आप शब्द रूप में विलीन हो गए। अपनी ज्योति जोत से पूर्व आपने समस्त प्रबंधन का दायित्व परम संत गुरबख्श सिंह जी को सौंप दिया।